डॉ०रामबली मिश्र विरचित वर्णिक चतुष्पदी
डॉ०रामबली मिश्र विरचित वर्णिक चतुष्पदी
साधन हो अति उत्तम तो सब।
लक्ष्य सदा अपने कर लो तब ।।
संभव जीवन में सब है सुन।
सुंदर काम दिखे सबको अब।।
साधन पावन हो सुषमा अति।
मानव में जब हो गरिमा गति।।
काम बसे हरिधाम सदा नित।
वृद्धि करे सबकी प्रतिमा मति।।
साधन धाम सु-स्वच्छ रखो मन।
देह निरोग रहे सबका तन।।
वात रहे अनुकूल सदा शिव।
मानुष हो अति निर्मल सज्जन।।
Renu
23-Jan-2023 04:50 PM
👍👍🌺
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अदिति झा
21-Jan-2023 10:35 PM
Nice 👍🏼
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